अनेकता में एकता भारत की पहचान है।

                                 अनेकता में एकता भारत की पहचान है। 
                                                (गणतंत्र दिवस विशेष )
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भारत देश महान है, महान है।
क्यूंकि "अनेकता में एकता" इसकी पहचान है।
अंग्रेजी में इसे कहते हैं :यूनिटी इन डाइवर्सिटी" और हिंदी में "अनेकता में एकता"
अनेकता में एकता के कारण ही भारत महान है। 
यही भारत की आन, बान एवं शान है। 

सदियों से भारत का अटूट स्तम्भ है। 
जिसे कहते हैं "वसुधेव कुटुंबकम" 
इसका अभिप्राय है "पूरा विश्व एक परिवार है।  
जिसमे निहित भारत की संसार है। 

भारत की अद्वितीयता ही इसकी पहचान है। 
भाषा, खान पान, वेश भूषा इत्यादि में विभिन्निता है। 
इसके बावजूद भी, सभी के बीच अटूट एकता है। 
अनेकता में एकता के कारण ही भारत महान है। 

एक प्रदेश से अन्य प्रदेश, एक क्षेत्र से अन्य क्षेत्र। 
विभिन्न क्षेत्रों में अनेकानेक विभिन्नता है। 
भूमि, मौसम, संस्कृति, बोली, नृत्य, संगीत, इत्यादि  में विभिन्निता है।
सभी में भारतीयता की खूबसूरती एवं  रंग बिखेरता है। 
अनेकता में एकता, में ही हरेक भारतीयों की प्रसन्नता है। 


कश्मीर से कन्याकुमारी तक, सिर्फ एक ही पहचान है। 
भारत के गौरवमयी इतिहास में वीरों एवं सपूतों का अटूट बलिदान है। 
आईये, हम सब उन वीर सपूतों को नमन करें।
भारत एवं भारतीयता को गौरवान्वित करें। 
प्रत्येक गणतंत्र दिवस हमें कुछ न कुछ जरूर सिखाती है। 
हम सभी को भारतीय होने का अभिमान दिलाती है। 


आज हमें पूरा विश्व टकटकी निगाहों से देखती है। 
योग, आयुर्वेद, आई टी इत्यादि भारतियों से सीखती है। 
हम सभी यह प्रण करें कि भारत को हमें सम्पूर्ण विश्व गुरु बनाना है। 
निरंतर सीखना तथा सिखाना है। 
ईमानदारी, सच्ची निष्ठा, कर्त्तव्य निष्ठां, आध्यात्मिकता, सार्वभौमिकता हमारी पहचान है। 
अनेकता में एकता ही में निहित भारतीयता वाकई में महान है। 

गणतंत्र का अभिप्राय समग्रता समाहित तंत्र है। 
समग्रता से विकास, भाईचारा, एवं देश की एकता है। 
अब भारत को बदलते हुए सारा विश्व देखता है। 
कर्त्तव्य, दायित्व उसके बाद अधिकारों में गणतंत्र  का सार निहित है।
सभी भारतीय गणतंत्र के प्रति उत्साहित एवं गौरवान्वित हैं। 

हम सब संकल्प करें, नए भारत का स्वप्न साकार करें, भारत के गणतंत्र का पुरे विश्व में प्रचार प्रसार करें। 
जय भारत, नया भारत, हम सबके सपनो का भारत को बनाने में स्वार्थरहित भाव से शिक्षा का प्रचार करें। 


मेरा भारत, नया भारत की ओर  निरंतर अग्रसर ..... 
भारत एवं भारतीयों को गणतंत्र दिवस की अनेकानेक शुभकामनाएं। 




.... प्रोफेसर जी आर सिन्हा 






  








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